Haryana assembly Election 2019 के रण में कई दिग्गज नेता अपने क्षेत्र में सिमट कर रह गए हैं। कड़े मुकाबले में फंसे इन दिग्गजों के लिए अपना किला बचाने की चुनौती है। अपना सीट बचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे इन धुरंधरों ने दूसरी विधानसभा सीटों पर प्रचार से दूरी बना रखी है। कई दिग्गज नेताओं की खुद की सीटें बुरी तरह फंसी हुई हैं जिसके चलते भाजपा, कांग्रेस, इनेलो व जजपा के कई बड़े नेता दूसरे हलकों में प्रचार के लिए समय नहीं निकाल पा रहे। उनके लिए उनकी खुद की सीट महत्वपूर्ण हो गई है।
भाजपा की 13 मंत्रियों वाली सरकार के मुखिया मनोहर लाल सहित 11 मंत्री फिर से चुनाव मैदान में हैं। मुख्यमंत्री अपने निर्वाचन क्षेत्र करनाल को कार्यकर्ताओं के हवाले कर पूरे प्रदेश में भाजपा के दूसरे प्रत्याशियों के लिए हर दिन आधा दर्जन से ज्यादा रैलियां कर धुआंधार प्रचार में जुटे हैं।
मनोहर कैबिनेट के सीनियर मंत्रियों में शुमार रामबिलास शर्मा, कैप्टन अभिमन्यु, ओमप्रकाश धनखड़ सहित दूसरे मंत्री हों या फिर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, हरियाणा भाजपा के स्टार प्रचारकों में शुमार होने के बावजूद खुद का किला बचाने के लिए अपने हलकों से बाहर नहीं निकल पा रहे।
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ने रेवाड़ी सीट पर पूरा जोर लगाया हुआ है तो कृष्ण पाल गुर्जर फरीदाबाद और रतनलाल कटारिया अंबाला जिले में अपने चहेते प्रत्याशियों के लिए समर्थन जुटाने तक सीमित हैं। गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हालांकि कई सीटों पर प्रचार के लिए निकले हुए हैं, लेकिन तोशाम में जीत की हैट्रिक लगा चुकीं किरण चौधरी, आदमपुर से चुनाव लडऩे वाले कुलदीप बिश्नोई और कैथल में सीट बचाने की जिद्दोजहद में लगे रणदीप सुरजेवाला को अपनी जीत की चिंता अधिक है।
राज्य के कई बड़े दिग्गजों पर अपनी परंपरागत सीट बचाने का दबाव है। इनेलो के चुनावी कैंपेन की बागडोर संभालने वाले अभय चौटाला भी ऐलनाबाद में खुद का चुनाव मजबूती से लड़ रहे हैं। बाकी उम्मीदवारों के लिए उनके पास समय नहीं निकल पा रहा है।
उचाना में चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता से टक्कर ले रहे दुष्यंत चौटाला और बाढड़ा में त्रिकोणीय मुकाबले में लड़ रही नैना चौटाला कई स्थानों पर रैलियां कर रहे हैं। दुष्यंत चौटाला अपनी उचाना सीट के साथ-साथ बाकी आधा दर्जन अहम सीटों पर निगाह टिकाए हुए हैं और प्रचार में लगे हैं।